ऐसे करे महालक्ष्मी व्रत का समापन, मिलेगा ये महा लाभ।
महालक्ष्मी व्रत 28 सितंबर 2021 विशेष के विषय में विस्तृत जानकारी
पतृ पक्ष में नई वस्तु खरीदने की मनाही होती है वहीं इसकी अष्टमी तिथि को सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा होती है। व्रत वाले दिन महालक्ष्मी की कथा पढ़ी जाती है*
*🌟 महालक्ष्मी व्रत 28 सितंबर2021 को हो रहा है संपन्न, इस दिन चांदी का हाथी खरीदना होता है शुभ, जानें व्रत की पूजा विधि पितृ पक्ष के 16 दिनों में से अष्टमी का दिन काफी शुभ माना जाता है। क्योंकि इस दिन को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त है। जहां पितृ पक्ष में नई वस्तु खरीदने की मनाही होती है वहीं इसकी अष्टमी तिथि को सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदना फलदायी होता है साथ ही इस तिथि में शादी की खरीदारी भी की जा सकती है। इस दिन हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा होती है। इस दिन पिछले 16 दिनों से चला आ रहा महालक्ष्मी व्रत संपन्न होता है*
*🌸भाद्रपद के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि से मां महालक्ष्मी की पूजा शुरू होती है जो आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक होती है। 16 दिनों तक चलने वाली इस विशेष पूजा में मां लक्ष्मी के गजलक्ष्मी स्वरूप की उपासना की जाती है। कई लोग इन 16 दिनों तक व्रत रखते हैं*
*♦महालक्ष्मी व्रत कथा जानें यहां*
*💥महालक्ष्मी व्रत विधि*
*इस व्रत की पूजा शाम के समय होती है। इस दिन शाम को स्नान कर घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लें। फिर उस पर केसर मिले चंदन से अष्टदल बना लें और उस पटरे पर चावल रख जल कलश रखें*
*🔥 कलश के पास हल्दी से कमल बना लें और उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति विराजमान करें*
*🌷मिट्टी का हाथी बाजार से लाकर या घर पर बनाकर उसे स्वर्णाभूषणों से सजाएं*
*🌻 अगर संभव हो तो इस दिन नया सोना खरीदकर उसे हाथी पर चढ़ाएं*
*🌺अपनी श्रद्धानुसार सोने या चांदी का हाथी भी ला सकते हैं। इस दिन चांदी के हाथी का ज्यादा महत्व माना गया है। इसलिए अगर संभव हो तो पूजा स्थान पर चांदी के हाथी का प्रयोग करें*
*🍁 अब माना लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने श्रीयंत्र रखें और कमल के फूल से पूजन शुरू करें*
*🔸 पूजा में सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई और फल का प्रयोग करें*
*💥28 सितंबर 2021 मंगलवार को रखें जितिया व्रत*
*🌸 अब माता लक्ष्मी के सभी आठ रूपों की नीचे दिये गये मंत्रों के साथ कुमकुम, अक्षत और फूल चढ़ाते हुए पूजा अर्चना करें*
🌲 ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम:
🌲ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम:
🌲ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:
🌲ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम:
🌲ॐ कामलक्ष्म्यै नम:
🌲ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम:
🌲 ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:
🌲ॐ योगलक्ष्म्यै नम:
*🔥आखिर में घी के दीपक से पूजा कर कथा सुनें, माता लक्ष्मी की आरती करें और उन्हें भोग लगाए*
*💥shri guru jyotish shodh sansthan*
*🌷28 सितंबर 2021को महालक्ष्मी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, सामग्री और पूजा विधि*
*🌻आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि मंगलवार 28 सितम्बर 2021को है भाद्रपद पद की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से महालक्ष्मी का सोरहिया व्रत का समापन हो रहा है।आप लोग भी इस मंगलवार को व्रत रखकर मां लक्ष्मी की कृपा पा सकते है। जानें महालक्ष्मी व्रत के समापन की सामग्री और पूजा विधि*
*🌺महालक्ष्मी व्रत पूजा सामग्री*
*🍁दो सूप, 16 मिट्टी के दिये, प्रसाद के लिये सफेद बर्फी, फूल माला, तारों को अर्घ्य देने के लिये यथेष्ट पात्र, 16 गांठ वाला लाल धागा और 16 चीजें, हर चीज सोलह की गिनती में होनी चाहिए; जैसे 16 लौंग, 16 इलायची या 16 सुहाग के सामान आदि*
*♦महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि*
*🍁राधा अष्टमी पहले दिन महालक्ष्मी की पूजा सुबह के समय हुई थी, जबकि और आज कल व्रत के आखिरी दिन शाम के समय देवी मां की पूजा होगी। कल समापन पूजा विधि के दौरान सबसे पहले अपने हाथ में वही 16 गांठों वाला लाल धागा बांध लें, जो आपने व्रत के पहले दिन बांधा था। अब माता महालक्ष्मी के आगे 16 देसी घी के दीपक जलायें और धूपदीप से देवी मां का पूजन करें। फिर एक सूप में सोलह चीजें सोलह-सोलह की संख्या में रखकर उसे दूसरे सूप से ढंक दें और उसे माता के निमित्त दान करने का संकल्प करें*
*🌲संकल्प के लिये मंत्र पढ़ें – क्षीरोदार्णव सम्भूता लक्ष्मीश्चन्द्र सहोदरा*
*🔸हे क्षीर सागर से उत्पन्न चन्द्रमा की सगी बहन माता महालक्ष्मी मैं यह सब कुछ आपके निमित्त दान कर रही हूं। इस प्रकार संकल्प लेकर उस सूप को वहीं रखा रहने दें। अब दीपक में ज्योति जलाकर माता महालक्ष्मी के मंत्र का जाप कीजिये। मंत्र इस प्रकार है – ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः*
*🌸आप पूजा से पहले ही इस मंत्र का अपनी इच्छानुसार संख्या में संकल्प लेकर रखिये। फिर जैसा आपने संकल्प किया हो, उसके हिसाब से मन्त्र जाप कीजिये। जप के बाद माता महालक्ष्मी की आरती कीजिये और उन्हें सफेद मिठाई का भोग लगाइये। इस प्रकार पूजा आदि के बाद तारों को जल से अर्घ्य दीजिये और आरती कीजिये। बाद अपने जीवनसाथी का हाथ पकड़कर तीन बार उत्तर की ओर मुंह करके पुकारिये – हे माता महालक्ष्मी मेरे घर आ जाओ, हे माता महालक्ष्मी मेरे घर आ जाओ, हे माता महालक्ष्मी मेरे घर आ जाओ*
*🌟इसके बाद जो व्रती है, वो अपने लिये और माता महालक्ष्मी के लिये अलग-अलग थाली में भोजन निकालिये। अगर आप विवाहित हैं और आपने जोड़े में ये व्रत किया है, तो देवी मां और अपने साथ- साथ अपने जीवनसाथी के लिये भी थाली में भोजन निकालिये। साथ ही हो सके तो माता महालक्ष्मी के लिये चांदी की थाली में भोजन निकालकर रखिये। भोजन करने के बाद अपनी थालियां उठा लें, लेकिन माता की थाली को, किसी दूसरी थाली से ढक्कर वहीं पर रखा छोड़ दें। अगले दिन सुबह माता के लिये निकाली थाली का भोजन किसी गाय को खिला दें और सूप में रखा हुआ दान का सामान किसी लक्ष्मी मंदिर में दान कर दें। इसके अलावा 16 गांठों वाले धागे को अपनी तिजोरी में संभाल कर रख लें। इससे आपके घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होगी, हर प्रकार से आपके घर-परिवार की समृद्धि ही समृद्धि होगी*
*♦प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250*