क्षत्रिय समाज ने किया अखिलेश यादव का बहिष्कार ,सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर दिया ऐसा बयान
लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर उपजे विवाद में दखल देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर-प्रतिहार थे लेकिन पार्टी के नेताओं ने उनकी जाति ही बदल दी, यह निंदनीय है।
अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट मैं कहा की सम्राट मिहिर भोज गुर्जर-प्रतिहार थे, पर भाजपाइयों ने उनकी जाति ही बदल दी है। निंदनीय! जिससे सोशल मिडिया पर क्षत्रिय समज के लोगों ने अखिलेश यादव का बहिष्कार करना शुरू कर दिया l
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 22 सितंबर को दादरी के मिहिर भोज पीजी कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण के दौरान शिलापट्ट से गुर्जर शब्द हटाने को लेकर शुक्रवार को गुर्जर समाज के लोग विरोध में उतर आए। दादरी के मिहिर भोज पीजी कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण को लेकर गुर्जर और राजपूत (क्षत्रिय) समाज आमने सामने थे।
हालांकि, मुख्यमंत्री के दौरे से पहले दोनों समुदाय के प्रतिनिधियों ने एक मंच पर आकर विवाद खत्म कर दिया था। इसके बाद प्रतिमा अनावरण के लिए लगने वाले शिलापट्ट पर गुर्जर शब्द को लेकर राजनीति शुरू हो गई।
मुख्यमंत्री योगी के जाने के बाद लोगों की भीड़ शिलापट्ट से गुर्जर शब्द हटा देखकर भड़क गई। आक्रोशित भीड़ ने जमकर हंगामा किया और दादरी विधायक तेजपाल नागर के खिलाफ नारेबाजी की। अब समुदाय के लोगों ने गुर्जर शब्द हटाने के विरोध में रविवार को महापंचायत का एलान किया है। अखिल भारतीय गुर्जर फ्रंट के अध्यक्ष नवीन भाटी ने बताया कि शिलापट्ट से गुर्जर शब्द हटाकर समुदाय के लोगों के साथ धोखा किया गया है।
रिपोर्ट : प्रशांत सिंह