2002 में डीएस कॉलेज में हुए बहुचर्चित हत्याकांड में रॉबी-कालू, योगेश को उम्रकैद
अलीगढ़ : डीएस कॉलेज में हुए बहुचर्चित संजीव चौधरी हत्याकांड में शुक्रवार को 19 साल पांच माह बाद जिला जज डॉ.बब्बू सारंग के न्यायालय ने फैसला सुनाया गया है। बहु प्रतिक्षित इस फैसले में तीनों आरोपी संजीव रॉबी, राघवेंद्र सिंह कालू व योगेश ग्वालरा को उम्रकैद और बीस-बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद आरोपी पक्ष में मायूसी छा गई। वादी पक्ष के चेहरे पर खुशी दिखी। इस फैसले को लेकर दीवानी में कड़े सुरक्षा इंतजाम रखे गए। बाद में तीनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच जेलों के लिए रवाना कर दिया गया।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता डीजीसी फौजदारी धीरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार डीएस कॉलेज में 27 अप्रैल 2002 की सुबह दिनदहाड़े मूल रूप से उसरह टप्पल वर्तमान में प्रेस कॉलोनी निवासी संजीव चौधरी की उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह बीए तृतीय वर्ष की परीक्षा देने कॉलेज गए थे। उनके अधिवक्ता पिता बलवीर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था कि उन्होंने जैसे ही बेटे को कॉलेज के गेट पर अपनी कार से छोड़ा और वह परीक्षा देने कॉलेज में प्रवेश कर रहा था, तभी नामजदों ने उन पर फायरिंग कर दी, जिससे संजीव की मौके पर मौत हो गई।
बलवीर के अनुसार, आरोप है कि उनका बेटा कुछ लोगों की साझेदारी में रामघाट रोड पर राज विहार कॉलोनी में प्लाटिंग कर रहा था। नामजद हमलावर इस पर एतराज जता रहे थे। इसी विवाद में उसकी हत्या हरदुआगंज के कलाई के संजीव उर्फ रॉबी, राघवेंद्र सिंह कालू, ग्वालरा के योगेश ने हत्या कर दी। इस मामले में सत्र न्यायालय में साक्ष्यों व गवाही के आधार पर शुक्रवार को फैसले की तारीख नियत कर दी गई।
न्यायालय ने दोपहर बाद तीनों आरोपी तलब किए और दोषी करार देकर उम्रकैद व 20-20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया। न्यायालय से फैसला आने के बाद योगेश को मथुरा, कालू को बुलंदशहर व रॉबी को एटा जेल वापस कड़ी सुरक्षा में ले जाया गया।
योगेश सिंह को पेशी के लिए ले जाती पुलिस
संजीव चौधरी का फाइल फोटो
रिपोर्ट : प्रशांत सिंह