गोरखपुर में युवक की मौत: अखिलेश बोले- ये एनकाउंटर की हिंसक संस्कृति का दुष्परिणाम

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गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में (Gorakhpur) रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान एक युवक की संदिग्ध मौत (Youth Suspicious Death) के बाद हड़कंप मचा हुआ है. मामले में अब सियासत भी तेज हो गई है. इस घटना को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav) दु:खद बताते हुए दोषियों पर हत्या का मुकदमा चलाए जाने की मांग की है. साथ ही अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी ने प्रदेश में एनकाउंटर की जिस हिंसक संस्कृति को जन्म दिया है, ये उसी का दुष्परिणाम है.

 

बता दें मृतक मनीष कुमार गुप्ता कानपुर का रहने वाला था. मामले में गोरखपुर के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने जांच एसपी नॉर्थ को सौंपी थी. जांच में रिपोर्ट आने के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत 6 पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया. बताया जा रहा है कि अपराधियों की सूचना पर पुलिस टीम दबिश देने गई थी, इस दौरान युवक घायल हो गया था.

सिकरीगंज के महादेवा बाजार के रहने वाले चंदन सैनी ने बताया कि वह बिजनेस करते हैं. उनके तीन दोस्त गुरुग्राम से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान (35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (30) गोरखपुर घूमने आए थे. 27 सिंतबर की रात रामगढ़ताल थाना पुलिस होटल व सरायों की जांच पर थी. कृष्णा होटल में पुलिस ने एक कमरे की तलाशी ली तो वहां मनीष अपने दो दोस्तों के साथ ठहरा हुआ था. पुलिस के पहुंचने पर मनीष के दोनों साथी उठ गए.

 

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पूछताछ के दौरान मनीष के दोनों साथियों ने बताया कि वह गुड़गांव व लखनऊ के रहने वाले हैं. उन्होंने अपना आधार कार्ड भी दिखाया. पुलिस के मुताबिक इस दौरान मनीष नींद में उठा और बेड से नीचे गिर गया. इससे उसके मुंह में चोट लग गई. पुलिस के अनुसार तीनों युवक नशे में थे. पुलिस मनीष को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज लेकर गई. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

रिपोर्ट : प्रशांत सिंह 

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