New Pandemic: ‘डिजीज-एक्स’ कोरोना से सात गुना गंभीर?

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दो वैक्सीन एक्सपर्ट्स द्वारा लिखी गई एक नई किताब में चेतावनी देते हुए बताया है कि दुनिया इस वक्त अगली महामारी के लिए तैयार नहीं है। किताब के अनुसार, धरती पर करोड़ों वायरस घूम रहे हैं, जिनके बारे में अभी कुछ पता नहीं है। किताब के लेखकों ने दावा करते हुए कहा है कि जैसे एक दशक पहले स्पैनिश फ्लू ने कई लोगों की जान ली थी, उसी तरह अगली महामारी 5 करोड़ लोगों की मौत का कारण बन सकती है।

यूके वैक्सीन टास्क फोर्स की पूर्व चेयरमेन, केट बिंघम और पूर्व पत्रकार व राजनीतिक सलाहकार टिम हेम्स ने मिलकर “दी नेक्स्ट किलर: हाऊ टू स्टॉप दी नेक्स्ट पैंडेमिक बिफोर इट स्टार्ट्स” नाम की एक किताब लिखी है।  इसी किताब में Disease X का जिक्र है। किताब का एक हिस्सा डेली मेल में छापा गया, जिसमें बताया गया है कि कैसे वायरस पृथ्वी पर सबसे प्रचुर और विविध जीवन रूप हैं, और उनमें से कितने मनुष्यों के लिए खतरा पैदा करते हैं।

उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों ने वायरस के 25 परिवारों की पहचान की है, जिनमें से प्रत्येक में सैकड़ों या हजारों अलग-अलग वायरस हैं, जिनमें से कोई भी महामारी पैदा करने के लिए जिम्मेदार हो सकता है।उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि वायरस जानवरों से मनुष्यों में आ सकते हैं और तेजी से म्यूटेट हो सकते हैं, जैसा कि इबोला, एचआईवी/एड्स और कोविड-19 के मामलों में देखा गया है।

कितनी खतरनाक है डिज़ीज़-एक्स?

कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी अगली महामारी की संभावना के बारे में सचेत किया था, जिसे डिज़ीज़-ऐक्स का नाम दिया गया था। WHO ने साल 2018 में डज़ीज़-एक्स के बारे में बताया था यानी कोविड-19 महामारी के दुनियाभर में फैलने से एक साल पहले। यानी ईबोला, SARS और ज़िका के साथ WHO की खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में डिज़ीज़-एक्स भी शामिल है।

WHO के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि डिज़ीज़-एक्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खतरनाक महामारी का कारण बन सकता है, जो ऐसे रोगज़नक़ के कारण हो सकता है, जिनके बारे में मौजूदा समय में कोई जानकारी नहीं है। उनकी लिस्ट में शामिल बीमारियां ऐसी हैं, जिनका इलाज इस वक्त हमारे पास नहीं है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि डिज़ीज़ एक्स ज़ूनॉटिक होगी, यानी यह जंगली या पालतू जानवरों से शुरू होगी और फिर मनुष्यों को भी संक्रमित करना शुरू कर देगी, जैसा कि ईबोला, एचआईवी/एड्स और कोविड-19 के साथ हुआ।

 

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