क्या समान नागरिक संहिता कानून असर सिर्फ़ मुसलमानों पर ही पड़ेगा ?
क्या भारत में लागू होगा समान नागरिक संहिता कानून ?
क्या समान नागरिक संहिता का असर सिर्फ़ मुसलमानों पर ही पड़ेगा ?
क्या समान नागरिक संहिता लागू करना क्या भारत में संभव है ?
इसको लेकर पूरे देश में चर्चाओं का बाजार गर्म है क्युकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि कुछ राजनीतिक दल यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता के नाम पर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. जिससे यह कयास लगाए जा रहे है की दो हजार चौविस के चुनाव से पहले भारत में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो जायेगा l
वहीं सरकार का तर्क यह भी है कि समान नागरिक संहिता का मक़सद देश में मौजूद सभी नागरिकों के पर्सनल लॉ को एक समान बनाना है, जो बिना किसी धार्मिक, लैंगिक या जातीय भेदभाव के लागू होगा.
कई मुस्लिम नेताओं का कहना है कि सरकार ने यूसीसी का मुद्दा मुसलमानों को टारगेट करने के लिए उठाया है.
लेकिन क्या समान नागरिक संहिता का असर सिर्फ़ मुसलमानों पर ही पड़ेगा?
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