मधुमेह रोगियों को हार्टअटैक से होने वाली मौत के जोखिम को कम करेगी AMU शिक्षकों की नई प्रणाली

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अलीगढ़, 9 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षकों की एक टीम, जिसमें स्टेटिस्टिक्स एंड आपरेशन रिसर्च के शिक्षकों, डा फैज नूर खान यूसुफी और प्रोफेसर अकील अहमद (अध्यक्ष) और राजीव गांधी सेंटर फार डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलाजी, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के सेवानिवृत्त पूर्व निदेशक प्रोफेसर जमाल अहमद शामिल हैं, ने एक नई प्रणाली विकसित की है जो टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए हृदय रोगों के पूर्वानुमान में सक्षम है।

उनका नवाचार, ‘भारतीय टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए हृदय रोग की दोहरी माडल-आधारित प्रारंभिक भविष्यवाणी के लिए प्रणाली और विधि’, जिसे हाल ही में पेटेंट आयुक्त, आस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा पेटेंट कराया गया है, इस रोग के पूर्वानुमान में कार्डियोलाजिस्टस और एंडोक्रिनोलाजिस्टस की क्षमताओं में वृद्धि करेगा। मधुमेह के रोगियों में हृदय संबंधी समस्याओं का पूर्वानुमान, ऐसे रोगियों में हृदय की जटिलताओं को रोकने के लिए शीघ्र उपचारात्मक उपायों का मार्ग प्रशस्त करता है।

आविष्कार की प्रभावशीलता पर बोलते हुए प्रोफेसर अकील अहमद ने कहा कि दो रिस्क प्रीडिक्शन माडल विकसित किए गए हैं जो टाइप-2 मधुमेह के कारण हृदय रोग की जटिलताओं की पांच साल की घटनाओं की संभावनाओं का अनुमान प्रदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में इनोवेशन अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि मधुमेह से पीड़ित लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं विकसित हो रही हैं और जब दुनिया भर के वैज्ञानिक इलाज सम्बन्धी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो यह बताती हैं कि समय के साथ हृदय रोग कैसे विकसित होते हैं।

डाक्टर फैज नूर खान युसूफी ने कहा कि यह माडल डाक्टरों और मरीजों दोनों को दिल की बीमारियों की नियमित निगरानी करने, मौत के जोखिम को कम करने और हृदय संबंधी कारणों से अस्पताल में भर्ती के समय मदद करेगा। यह आविष्कार मधुमेह की देखभाल के लिए एक नई संभावना भी प्रदान करता है और बीमारी के प्रबंधन के लिए एक सस्ता और आर्थिक रूप से उचित विकल्प प्रदान करता है।

प्रोफेसर जमाल अहमद ने कहा कि ऐसे समय में जब हमें दिल की बीमारियों की भविष्यवाणी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को प्रयोग करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है, यह आविष्कार निश्चित रूप से लोगों के दिल की बीमारियों के बारे में सोचने के तरीके को बदल देगा। यह दीर्घकालिक उपचारों के मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करेगा और टाइप-2 मधुमेह के लोगों के लिए उपचार प्रतिक्रियाओं की निगरानी करने में चिकित्सकों की मदद करेगा।

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