दिल्ली-एनसीआर से बाहर के वाहन चालकों को मिली राहत, नहीं होगा 10,000 का चालान !

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नई दिल्ली। केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने दिल्ली-एनसीआर से बाहर के ऐसे वाहन मालिकों और चालकों को बड़ी राहत प्रदान की है, जिनके वाहन 15 साल पुराने हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिसूचना के मुताबिक, अब 15 साल से ज्यादा पुरानी कार समेत अन्य वाहन चलाने पर चालान नहीं किया जाएगा। इससे दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत देश के सभी राज्यों के लोगों को राहत मिली है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली और एनसीआर के वाहन मालिकों पर नए नियम का कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यहां 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर पहले से ही रोक है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर के वाहन चालकों राहत नहीं मिलेगी, जिनके वाहन 10 और 15 साल पुराने हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर 10,000 रुपये चालान किया जा रहा है। आदेश के तहत ऐसे वाहनों को सड़क पर निकलने पर  10,000 रुपये का चालान किया जाएगा। यह नया नियम पिछले कुछ महीनों से दिल्ली की सड़कों पर लागू है।

केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, अप्रैल 2022 से वाहन मालिकों को 15 साल से अधिक पुरानी कारों के रजिस्ट्रेशन के रिन्यूव्ल के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करना होगा, जिसके बाद उनका चालान नहीं किया जाएगा। हालांकि, 5000 रुपये फिलहाल भुगतान की तुलना में तकरीबन गुना अधिक है।

दरअसल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पुराने वाहनों के पंजीकरण के प्रमाण पत्र के नवीनीकरण के लिए एक अधिसूचना जारी की है। यह नया नियम राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति को लागू करने की सरकार की समग्र योजना का हिस्सा है, जिसे राजधानी दिल्ली में लागू भी कर दिया गया है।

यह अधिसूचना अप्रैल, 2022 से लागू होगी। देरी करने पर रोजाना 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह शुल्क फिटनेस प्रमाणपत्र की समाप्ति से माना जाएगा।

केंद्र सरकार से मिली ये राहत

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केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 15 साल से अधिक पुरानी कार,बस या ट्रक के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र के नवीनीकरण कराना होगा। इसके लिए वर्तमान में वाणिज्यिक वाहनों के मालिकों को पूर्व की तुलना में तकरीबन 8 गुना ज्यादा शुल्क अदा करना होगा।

रिपोर्ट : प्रशांत सिंह 

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