अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इलेक्ट्रिकल व्हीकल इंटीग्रेशन इन अ स्मार्ट माइक्रोग्रिड एनवायरनमेंट’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक सीआरसी प्रेस, यूएसए द्वारा प्रकाशित और संयुक्त रूप से प्रोफेसर साद आलम (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग), समन्वयक, सीएआरईटी (कैरेट), एएमयू तथा एसोसिएट एडिटर, आईईईई ट्रांजेक्शन आन ट्रांसपोर्टेशन इलेक्ट्रिफिकेशन, यूएसए और डा महेश कृष्णमूर्ति द्वारा संयुक्त रूप से संपादित की गयी है।
पेट्रोलियम आधारित परिवहन की बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए, भारत सरकार ने (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन (फेम) भारत मिशन का तेजी से अंगीकरण और निर्माण शुरू किया है।
चूंकि इलेक्ट्रिक वाहनों को उच्च दक्षता वाले ड्राइव ट्रेन और वाहन डिजाइन में महत्वपूर्ण प्रगति के साथ व्यापक रूप से पसंद किया जाता है, इस लिए माइक्रोग्रिड वातावरण में ऊर्जा भंडारण और प्रबंधन की एक प्रणाली-स्तर की समझ आवश्यक है।
पुराने ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर के संदर्भ में व्यावहारिक मुद्दों, जैसे कि फ्लीट मैनेजमेंट, समन्वित संचालन, बैटरियों का पुनः उपयोग और रीसाइक्लिंग और निपटारे के पर्यावरणीय प्रभावों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने की आवश्यकता है। यह पुस्तक विद्युत परिवहन के प्लानिंग एनालिसिस, आप्टिमाइजेशन तथा इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्टेशन के प्रबंधन पर अग्रणी विशेषज्ञों के योगदान के साथ सम्बंधित परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालती है।
एएमयू ने विद्युतीकृत परिवहन में उन्नत अनुसंधान केंद्र (कैरेट) के माध्यम से उभरते इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन क्षेत्र के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए उद्योग उन्मुख उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करके इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कैरेट को स्मार्ट इनक्यूबेशन सेंटर के रूप में मान्यता दी गई है और इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम द्वारा इसे प्लेटिनम पुरस्कार भी दिया गया है। कैरेट ने पेटेंट तथा हार्डवेयर सेट अप से लेकर कौशल प्रशिक्षण तक में योगदान दिया है और 150 से अधिक जर्नल, सम्मेलन पत्र और पुस्तक अध्याय प्रकाशित किया है। परिवहन क्षेत्र में होने वाले बदलावों में चुनौतियों का समाधान जारी रखने के लिए, यह पुस्तक दक्षिण पूर्व एशिया में विद्युतीकृत परिवहन ढांचे की स्थापना के लिए अनुकूल तंत्र के विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।
इस संदर्भ में अत्याधुनिक भविष्यवादी कार्य दुनिया के छह महाद्वीपों से प्राप्त हुआ था और इसकी समीक्षा और संपादन डा. आलम और डा. कृष्णमूर्ति ने किया था। पुस्तक को श्री रेजीकुमार पिल्लई, अध्यक्ष, आईएसजीएफ, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की एक पीपीपी पहल द्वारा अग्रेषित किया गया था।
पुस्तक विमोचन समारोह में डीन, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय, प्रोफेसर परवेज मुस्ताजाब, अध्यक्ष, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रोफेसर सलमान हमीद, कैरेट अमुवि सलाहकार, प्रोफेसर एमएस जमील असगर, कैरेट इंजीनियरिंग संकाय सलाहकार, प्रोफेसर रिजवान खान तथा कैरेट के समन्वयकों प्रोफेसर साद आलम और डा यासर रफत ने भाग लिया।