कल से खुशीपुरा गांव में शुरू होगा महिला उत्थान कार्यक्रम ‘कदम मिलाकर चलना होगा
अलीगढ़- अतरौली स्थित गांव खुशीपुरा में महिलाओं और लड़कियों को मुख्यधारा से जोड़ने, किशोरी शिक्षा को बढ़ावा देने और बाल विवाह पर लगाम कसने के उद्देश्य से 4 दिवसीय कार्यक्रम ‘कदम मिलाकर चलना होगा’ का आयोजन किया जा रहा है। ये कार्यक्रम दिल्ली स्थित संस्था साहस के नेतृत्व में 4 दिसंबर से 7 दिसंबर तक चलेगा। साहस फाउंडेशन पिछले साल से इस गांव में महिलाओं और किशोरियों के साथ जेंडर बराबरी और हिंसा को चुनौती देने हेतु जागरुक कर रही है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 4 दिसंबर को महिलाओं और लड़कियों के साथ उनके सपनों, पढ़ाई और जीवन में आने वाली चुनौतियों पर संवाद होगा। 5 दिसंबर को महिलाओं के साथ जेंडर आधारित हिंसा और किशोरियों के साथ बाल यौन शोषण को कैसे चुनौती दे पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। 6 दिसंबर को ग्रामीण महिलाओं और किशोरियों को ‘दंगल’ फिल्म दिखाकर जेंडर बराबरी पर चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम का समापन 7 दिसंबर को किशोरियों के फुटबॉल मैच के साथ किया जाएगा। ‘कदम मिलाकर चलना होगा’ के तहत सैनेटरी पैड वितरण भी होगा। साहस फाउंडेशन पिछले 6 सालों से देश के अलग-अलग राज्यों में किशोर-किशोरियों, महिलाओं, युवाओं और पुलिस के साथ जेंडर समानता को लेकर जागरुकता बनाने में कार्यरत हैं। इसी के तहत साहस के सह-संस्थापक पूर्वी यादव औऱ डॉ. मोना यादव ने अपने पैतृक गांव खुशीपुरा में जेंडर समानता को लाने का बीड़ा उठाया है। वीरेन्द्र सिंह, सरला यादव, भारती और साक्षी के सहभागिता से 4 दिसंबर से इस कार्यक्रम का आगाज़ होगा।
संस्था द्वारा की गयी पिछली कार्यशालाओं की तस्वीरें