राजा भैया से गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने पूछा- ये है कौन?
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रविवार को प्रतापगढ़ में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान जब उनका सामना पत्रकारों से हुआ तो राजा भैया से जुड़े सवाल गूंजने लगे। लेकिन पूर्व सीएम ने जनसत्ता लोकतांत्रिक दल के नेता को पहचानने से भी इनकार कर दिया। अखिलेश यादव से जब राजा भैया की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने पूछा, ये कौन है, कौन है ये? उन्होंने बिना नाम लिए हुए कहा कि यहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के ऊपर जो अन्याय हो रहा है, वैसा किसी जिले में नहीं हुआ। बताते चलें कि अखिलेश, प्रतापगढ़ जिले के पट़्टी तहसील के राम कोला गांव में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आये थे।
अटकलों पर लगा विराम: अखिलेश यादव के बयान ने साफ कर दिया है कि उनकी नाराजगी अब तक कम नहीं हुई है और इसी के साथ उन अटकलों पर भी विराम लग गया जिसमें सपा और राजा भैया की पार्टी के बीच गठबंधन की बात हो रही थी।
दरअसल अखिलेश यादव लगातार छोटे दलों को साथ जोड़कर अपना कुनबा बड़ा कर रहे हैं। वहीं, मुलायम सरकार में मंत्री रहे कुंडा विधायक की मुलाकात ने इन अटकलों को हवा दी थी।
सपा प्रमुख ने प्रतापगढ़ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा ”प्रदेश से बुल व बुलडोज़र हटाने के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार जरूरी है, कुछ लोग देश, धर्म, क्षेत्र, जाति में लोगों को बांट कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं उन्होंने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं का बहुत उत्पीड़न किया जा रहा हैं, उन्हें गंभीर धाराओं के साथ फर्जी मुक़दमों में फंसाया जा रहा हैं। यादव ने कहा कि अन्याय करने वालों को चिन्हित करके रखना, समय आने पर जवाब दिया जाएगा।
प्रयागराज में हुई एक ही दलित परिवार के चार लोगों की हत्या पर सरकार को दोषी ठहराते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मामूली से रास्ते के विवाद में अगर प्रशासन के लोग समझदारी से हल करते तो इतनी निर्मम हत्या नहीं होती । यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री बाबा न तो लैपटॉप और न ही स्मार्ट फोन चलाना जानते हैं, ऐसे में वह आप लोगों को लैपटॉप और स्मार्ट फोन नहीं देंगे । सपा प्रमुख ने कहा कि ” यह झूठों की सरकार है, धोखा देकर जनता को मूर्ख बनाती है । सपा की सरकार बनने के बाद युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।”