Bipin Rawat Passed Away: तीन दिन शोक में रहेगा उत्तराखंड, नहीं होगा कोई समारोह, आधा झुका रहेगा राष्ट्रीय ध्वज
देहरादून: सीडीएस जनरल बिपिन रावत का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया. उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. जनरल रावत उत्तराखंड की मिट्टी से ताल्लुक रखते थे. इस पर उनके गृह राज्य उत्तराखंड में तीन दिन का राजकीय शोक का ऐलान किया गया है. इस ऐलान के बाद राज्य में किसी तरह का समारोह या आयोजन नहीं किया जाएगा. सीएम धामी ने सोशल मीडिया के जरिए ऐलान करते हुए एक निजी संदेश जारी करते हुए जनरल बिपिन रावत और अन्य दिवंगतों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
झुका रहेगा राष्ट्र ध्वज
आदेश के मुताबिक, तीन दिन राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. तीन दिन शासकीय मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नौ दिसंबर से 11 दिसंबर तक राजकीय शोक घोषित करने के निर्देश दिए हैं. दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व अन्य अधिकारियों की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी.
पैतृक गांव में शोक की लहर
उत्तराखंड में सीडीएस बिपिन रावत के पैतृक गांव में शोक की लहर है. बिपिन रावत का पैतृक गांव उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले का सैंण गांव है. बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण रावत ने गोरखा रेजिमेंट में सिपाही के पद से लेकर लेफ्टिनेंट जनरल के पदों में रहकर देश सेवा की. उनकी माताजी का संबंध गंगोत्री के धनारी पट्टी से है, वो उत्तरकाशी के पूर्व MLA ठाकुर किशन सिंह की पुत्री हैं. अपने पिता से प्रेरणा लेते हुए रावत ने सेना में भर्ती हुए और 1978 में IMA से sword of ऑनर लेने के बाद उन्होंने भी अपने पिता की तरह Gorkha Regiment को चुना. गोरखा रेजिमेंट के इस सिपाही ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए बारामुला व उरी में बड़े आतंकी ऑपेरशन को अंजाम दिया. वह देश के 26वें आर्मी चीफ भी बने. जनरल रावत को देश के पहले CDS बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ. उन्होंने हमेशा एक मेंटर के रूप में मार्गदर्शन किया.
बिपिन रावत को दी जाएगी श्रद्धांजलि
गुरुवार को Uttarakhand विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन CDS जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी जाएगी. जनरल रावत को संवेदना व्यक्त करने के अलावा पहले दिन सदन में कोई भी कामकाज नहीं होगा. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि विधानसभा में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया.